
बिहार में चुनावी रणभूमि सज चुकी है, और पहले चरण की 121 सीटों पर सियासी पारा उफान पर है।
इस बार मुद्दे सिर्फ विकास और बेरोजगारी नहीं, बल्कि जीवीका दीदी, गठबंधन की ‘फ्रेंडली फाइट’, और नामांकन के बाद गिरफ्तारी बन गए हैं।
6 नवंबर को पहले चरण की वोटिंग – 1314 उम्मीदवार मैदान में
18 जिलों की 121 विधानसभा सीटों के लिए 6 नवंबर को वोट डाले जाएंगे। पहले चरण के लिए कुल 1690 नामांकन दाखिल हुए, जिनमें से 1375 वैध, और 61 उम्मीदवारों ने नाम वापस लिए, अब बचे हैं 1314 योद्धा, जो जनता के बीच अपनी किस्मत आजमाने उतरे हैं।
गठबंधन में ‘फ्रेंडली फाइट’ – पर असली लड़ाई अपने-अपने ही बीच!
‘INDIA’ गठबंधन का हाल वैसा ही हो चला है जैसे शादी में बारात दोनों तरफ से आ जाए। कांग्रेस और RJD कई सीटों पर आमने-सामने हैं – जैसे वैशाली, कहलगांव, राजापाकर, और लालगंज। बछवाड़ा में कांग्रेस का मुकाबला भाकपा से है। इस पर अशोक गहलोत पटना पहुंचे हैं रिश्तों में दरार पाटने… लेकिन चुनावी मौसम में कौन माने किसकी बात?
तेजस्वी का वादा: जीवीका दीदी अब होंगी ‘सरकारी बाबू’!
तेजस्वी यादव ने ‘जीवीका दीदियों’ के लिए बड़ी स्कीम लॉन्च की – “CM बने तो सभी कम्यूनिटी मोबिलाइज़र (CM) दीदी होंगी स्थायी सरकारी कर्मचारी, 30,000 रुपये महीने वेतन पक्का।”
मतलब साफ है – RJD अब विकास नहीं, दीदी कार्ड खेल रही है। महिला वोटर टारगेट हैं, और तेजस्वी इस मोर्चे पर आक्रामक मूड में हैं।
नामांकन के साथ-साथ गिरफ्तारियां भी LIVE!
राजद प्रत्याशी सत्येंद्र साह, जो सासाराम से चुनाव लड़ रहे थे, नामांकन करते ही धर लिए गए। आरोप?
झारखंड में 2004 की बैंक लूट, 20 से ज्यादा आपराधिक मामले, और एक स्थायी वारंट।
राजनीति में कहावत है – ‘Background अच्छा हो या क्रिमिनल रिकॉर्ड, जनता को चेहरा ही प्यारा होता है’!

एनडीए में सीट कम, कॉन्फिडेंस ज्यादा!
एनडीए ने भी सीटों की संख्या घटाई – बीजेपी 101 सीट पर लड़ रही है (पिछली बार 110 थी), JDU भी 101 पर आ गई है। सम्राट चौधरी बोले: “सब सहयोग से चल रहा है, कोई मनभेद नहीं। मोदी जी 24 तारीख को आ रहे हैं, सब साथ दिखेंगे।”
यानि ‘All is well’ वाला मूड, भले ही अंदर खाने में सीट बंटवारे को लेकर बखेड़ा रहा हो।
आचार संहिता उल्लंघन और धमकी की सियासत
भागलपुर में झारखंड के मंत्री संजय यादव पर आचार संहिता उल्लंघन का केस। वहीं प्रशांत किशोर ने BJP पर गंभीर आरोप लगाए – “हमारे 3 उम्मीदवारों को नाम वापस लेने को मजबूर किया गया। ये लोकतंत्र की हत्या है।”
उनका कहना है कि BJP “सूरत मॉडल” को दोहराना चाहती है, जहां बाकियों को मैदान से हटाकर सीट जीती जाती है।
सीट पर दावे, बयानों में ताने
- संजय झा (JDU): “राजद की संस्कृति नहीं बदली। वही पुराने लोग, वही पुराने मामले। जंगलराज की वापसी।”
- दिलीप जायसवाल (BJP): “राहुल गांधी अगर राजनीति में गंभीर होते तो 57 साल में ‘युवा’ नहीं कहलाते।”
- पप्पू यादव: “सभी जनता महागठबंधन के साथ है। इस बार सरकार हमारी ही बनेगी।”
पहले चरण की हाई-प्रोफाइल सीटें – पटना साहिब, मुजफ्फरपुर, आरा, बेगूसराय
इन सीटों पर मुकाबला कड़ा, कांटे का और कांफिडेंस वाला है। कुढ़नी और मुजफ्फरपुर में 20-20 उम्मीदवार, और सबसे कम भोरे, परबत्ता में 5-5 उम्मीदवार हैं।
बिहार में चुनाव नहीं, daily soap चल रहा है!
- गठबंधन पार्टनर एक-दूसरे से ही भिड़ रहे हैं।
- वादों की बाढ़ है – सरकारी नौकरी, 30k की नौकरी, विकास की टोकरी।
- नामांकन के साथ गिरफ्तारी, सीट बंटवारे में खींचतान, और प्रचार में आचार संहिता की धज्जियाँ।
आने वाले दिन और भी रोमांचक होने वाले हैं। चुनाव आयोग ने कमर कस ली है, और जनता का मूड धीरे-धीरे साफ हो रहा है। अगला बड़ा दिन – 6 नवंबर, जब जनता का वोट बताएगा कि ‘दीदी कार्ड’ चलेगा या ‘डबल इंजन’!
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