
उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में मुख्यमंत्री आरोग्य मेले के दिन एक अजीबोगरीब और शर्मनाक घटना सामने आई।
सुजौली, कारीकोट न्याय पंचायत स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) पर डॉक्टर और स्टाफ सुबह से ही गायब थे, और मरीज इंतजार करते रह गए।
डॉक्टर गायब, मरीज मायूस
रविवार को आयोजित आरोग्य मेले के लिए स्वास्थ्य केंद्र खोला गया, लेकिन न कोई डॉक्टर पहुंचा और न ही अन्य स्वास्थ्य कर्मचारी।
केवल एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी आया जिसने ताले खोले और चलता बना। दोपहर 1 बजे तक मरीज अस्पताल के बाहर बैठे इंतजार करते रहे और अंत में निराश होकर लौट गए।
अस्पताल में दाखिल हुआ ‘अवांछित मरीज’
मरीजों की जगह एक आवारा सांड अस्पताल में पहुंच गया — और वो भी सीधा डॉक्टर के कमरे में!
वहां पहुंचकर सांड ने फाइलें बिखेर दीं और दस्तावेज़ चबाने लगा।
“ऐसा लग रहा था मानो सांड ही डॉक्टर की जगह काम पर आ गया हो,” एक ग्रामीण ने तंज कसते हुए कहा।
वायरल वीडियो में दिखा सांड का उत्पात
स्थानीय लोगों ने इस पूरे नजारे को अपने मोबाइल कैमरे में कैद कर सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया। वीडियो में साफ दिखता है कि सांड कैसे कमरे में घूम रहा है, फाइलें गिरा रहा है और कागज खा रहा है। करीब आधे घंटे तक सांड अस्पताल के अंदर उत्पात मचाता रहा, और फिर खुद ही बाहर निकल गया।
लापरवाही की शिकायत पुरानी है
ग्रामीणों का कहना है कि PHC में डॉक्टरों की गैरमौजूदगी और लापरवाही आम बात है। इस बार यह मामला सिर्फ इसलिए सुर्खियों में आया क्योंकि वीडियो वायरल हो गया।
“अगर डॉक्टर समय पर पहुंचते, तो यह स्थिति ही न बनती,” लोगों का कहना है।
CM आरोग्य मेले का मकसद ध्वस्त
सरकार द्वारा आयोजित मुख्यमंत्री आरोग्य मेला का उद्देश्य था लोगों को नि:शुल्क स्वास्थ्य सुविधाएं देना — लेकिन इस घटना ने पूरी व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।