
असम सरकार ने 21 अगस्त को एक बड़ा फैसला लेते हुए घोषणा की है कि अब राज्य में वयस्क (18+) नागरिकों को नया आधार कार्ड जारी नहीं किया जाएगा। यह कदम असम में बांग्लादेशी अवैध प्रवासियों की घुसपैठ रोकने के लिए उठाया गया है।
सुरक्षा वजहों से लिया गया फैसला
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा शर्मा ने बताया कि असम की सीमा से घुसपैठ जारी है। कई घुसपैठिये आधार कार्ड हासिल करके खुद को भारतीय नागरिक के रूप में स्थापित कर लेते हैं। उन्होंने कहा –
“हम ये दरवाज़ा हमेशा के लिए बंद करना चाहते हैं।”
अपवाद में मिलेगा आधार – रिपोर्ट के बाद
यदि कोई वयस्क नया आधार कार्ड बनवाना चाहता है, तो अब उसे जिला उपायुक्त (DC) के पास आवेदन करना होगा। लेकिन:
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डीसी को जिला पुलिस, विदेशी न्यायाधिकरण और अन्य एजेंसियों से रिपोर्ट लेनी होगी।
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आधार केवल अत्यंत दुर्लभ मामलों में ही जारी होगा।
किन्हें मिली 1 साल की छूट?
सरकार ने इस फैसले में कुछ समुदायों को राहत दी है:
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अनुसूचित जाति (SC)

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अनुसूचित जनजाति (ST)
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चाय बागान समुदाय के लोग
इन समुदायों को 1 वर्ष की अतिरिक्त अवधि दी गई है। अगर वे इसके बाद भी आवेदन नहीं कर पाते, तो उन्हें भी उपायुक्त से विशेष अनुमति लेनी होगी।
पिछली कैबिनेट मीटिंग में भी हुई थी चर्चा
सीएम हिमंत ने जुलाई की कैबिनेट मीटिंग में संकेत दिए थे कि राज्य में आधार जारी करने की नीति में बदलाव हो सकता है। अब यह स्पष्ट हो गया है कि:
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नया आधार कार्ड अब सिर्फ D.C. के अप्रूवल से ही बनेगा।
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घुसपैठियों के लिए आधार पाना नामुमकिन बनाया जाएगा।
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