
शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान की डेब्यू सीरीज़ ‘The Bads of Bollywood’ आखिरकार नेटफ्लिक्स पर रिलीज़ हो गई। जितना इसका इंतज़ार किया गया, उससे कहीं ज़्यादा अब इस पर मीम्स और मॉकिंग होने लगी है। शाहरुख़ की फिल्म याद होगी ओम शांति ओम और फरहान अख्तर की लक बाय चांस उन दोनों को मिक्सी में डाला और बन गयी सीरीज बाकी गलियां तो होनी जरुरी था तो वो भर भर के हैं।
सीरीज शुरू होती है नेपोटिज़्म से और खत्म होती है गालियों की गूंज पर।
बीच में क्या है? स्टार किड्स- ड्रग केस की पैरोडी- कैमियो का कॉकटेल और टेलीग्राफ किए हुए ट्विस्ट्स।
कहानी या इंडस्ट्री की इंस्टाग्राम बायोग्राफी?
कहानी में आसमान सिंह नामक एक दिल्ली वाला लड़का है, जो हीरो बनना चाहता है।
क्लिच अलर्ट:
उसकी पहली ही फिल्म सुपरहिट। करण जौहर टाइप डायरेक्टर ऑफर देते हैं रोल। सुपरस्टार बाप (बॉबी देओल) को बुरा लगता है। करारनामे से लेकर करिश्मा तलवार तक, सब जुड़ जाते हैं। बॉलीवुड ड्रामा है, लेकिन नए पैक में नहीं — बस पुराने पापों को नए डायलॉग्स में पेश किया गया है।
आर्यन खान का डायरेक्शन: क्लास नहीं, क्लाउट है!
आर्यन का निर्देशन देखने के बाद आप एक ही बात कहेंगे:
“SRK के बेटे से कुछ खास की उम्मीद थी, लेकिन यहां तो कैमियो और कनेक्शन का मेला लगा दिया।”
डायलॉग्स में कॉमिक पंच हैं, लेकिन कई जगह जबरन ठूंसे गए लगते हैं। स्क्रीनप्ले में स्पूफ है, लेकिन Subtle Satire नहीं। जेल वाले एपिसोड में “जेल से बाहर आते ही स्टारडम डबल हो गया” जैसे डायलॉग हैं — जो खुद पर तंज भी हैं, मगर खुद को ही बख्शते नहीं।
कैमियो की भीड़: स्टारडम का रील-रिवील
शाहरुख खान, सलमान खान, रणवीर सिंह, रणवीर कपूर, बादशाह, आमिर खान, करण जौहर और ऊपर से एसएस राजामौली का कैमियो। भैया, कहानी दिखाओ या “Who’s Who of Bollywood” की झलक?
हर एपिसोड एक नया फेस, एक नया नाम। कभी-कभी तो लगता है कि कहानी कम और “LinkedIn of Bollywood Celebs” ज़्यादा है।
अभिनय परफॉर्मेंस: कोई नहीं चूका, सिवाय कहानी के
लक्ष्य सिंह हीरो मटेरियल लगते हैं, पर उन्हें डायलॉग से ज़्यादा कैमरा एंगल्स मिले। राघव जुयाल ने ह्यूमर में बाज़ी मार ली। बॉबी देओल ने निगाहों से एक्टिंग की, पर स्क्रिप्ट ने धोखा दिया। मोना सिंह, मनीष चौधरी जैसे मंझे हुए कलाकार सिर्फ स्पेस भरने के लिए लगे।
गालियां और गैपिंग होल्स: एंटरटेनमेंट या एग्जॉस्टमेंट?
हर सीन में कोई न कोई गाली फेंकी जा रही है। अब OTT है तो गाली देना ट्रेंडी हो गया है, लेकिन क्या हर डायलॉग में?

सीरीज की सबसे बड़ी कमजोरी यही है,बोल्डनेस के नाम पर बकवास, और रियलिज़्म के नाम पर रिवेंज ड्रामा।
क्यों देखें – क्यों न देखें?
देखें अगर:
आप स्टार किड फैंटेसी और ग्लैमर की भीड़ में खोना चाहते हैं। कैमियो देखने का शौक रखते हैं। या आर्यन खान का डायरेक्शनल फ्यूचर ट्रैक करना चाहते हैं।
न देखें अगर:
आपको कंटेंट चाहिए। ओवरडोज़ गालियों से परहेज़ है।और असली सिनेमा की तलाश है।
स्टार किड बनाम स्टोरी किल
“The Bads of Bollywood” एक ग्लॉसी मिरर है — जो इंडस्ट्री को दिखाता कम है, सेल्फी ज़्यादा खींचता है।
आर्यन के लिए ये डेब्यू कोई फ्लॉप नहीं है, लेकिन सिर्फ नाम से तालियां मिलनी बंद हो चुकी हैं। आगे अगर वो डायरेक्टर बनना चाहते हैं, तो जरूरी है कि वो ड्रामा से ज़्यादा दिशा पर फोकस करें।
इस सीरीज को देख कर लगता नहीं कि इसमें शाहरुख़ वाला ग्रेस है। सीरीज बेहतर हो सकती थी लेकिन उसकी भरपाई स्तार्पवर से करने की कोशिश हुई लगती है।
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