रेट्रो रिव्यू- अराउंड द वर्ल्ड – ‘फ्लाइट ऑफ फैंटेसी’ या टिकट की बर्बादी?

राघवेन्द्र मिश्रा
राघवेन्द्र मिश्रा

1967 में बनी ‘Around the World’ सिर्फ एक फिल्म नहीं, बल्कि एक यात्रा है लॉजिक से दूर और लोकेशन के करीब।
राज कपूर, जो आमतौर पर क्लासिक्स के लिए जाने जाते हैं, इस फिल्म में लगते हैं जैसे उन्हें पासपोर्ट मिल गया और स्क्रिप्ट एयरपोर्ट पर ही छूट गई।

कहानी: छुट्टी कम, गड़बड़ ज्यादा

एक करोड़पति लड़का (राज कपूर), जापान पहुंचते ही 8 डॉलर के साथ इंटरनेशनल रोड शो पर निकल पड़ता है।
वजह? उसका कर्मचारी उसके ट्रैवल प्लान का कबाड़ बना देता है।
फिर क्या? राजू भाई क्रूज़ पर नौकरी पाते हैं (हाँ, बिना वीज़ा और डॉक्यूमेंट के ही), और वहीं मिलती है सुंदर कन्या रीता (राजश्री)।

अब रोमांस है, गाना है, और कुछ दृश्य जो शायद पेरिस में शूट हुए हैं – पर कहानी वहीं की वहीं।

एक्टिंग: जब महान अभिनेता खुद असहज हो

राज कपूर भले ही स्क्रीन पर मुस्कुराते दिखें, पर इंडिया टुडे को 1977 में दिये गए इंटरव्यू में साफ कह दिया कि,पच्‍छी की डायरेक्शन खराब थी, और मैंने सिर्फ पैसे के लिए की ये फिल्म।

कहना ना होगा कि यह बात फिल्म देखकर भी साफ समझ में आ जाती है।

टेक्नीकल: भारत की पहली 70mm फिल्म, लेकिन स्क्रिप्ट 7mm की भी नहीं!

फिल्म भारत की पहली 70mm रिलीज़ थी – तकनीक में टूरिज्म की झलक तो थी, लेकिन पटकथा और निर्देशन में पासपोर्ट की मुहरें थी, पर जज़्बात का वीज़ा रिजेक्ट था।

साउंडट्रैक: मुकेश और शारदा का रोमांटिक गला, मगर सिचुएशन थोड़ा ‘भटका’

गीतों में “जोशे जवानी”, “दुनिया की सैर कर लो” जैसे ट्रैवल-थीम गाने हैं। संगीत अच्छा है, लेकिन लगता है जैसे किसी ने ट्रैवल एजेंसी के ब्रोशर पर म्यूजिक एल्बम बना दिया हो।

हनीमून टूरिज्म या डायरेक्टर का यूरोप ट्रिप फंड?

फिल्म की शूटिंग कई देशों में हुई – जापान, पेरिस, अमेरिका, हवाई। पर सवाल ये है कि ये लोकेशन कहानी के हिस्से थे या डायरेक्टर की शादी की सालगिरह का बहाना?

फिल्म का असर: दर्शक बोले – ‘हमको भी घूमना है, मगर स्क्रिप्ट के साथ’

आज यह फिल्म नॉस्टैल्जिया के नाम पर देखी जा सकती है, मगर अगर आप कहानी के भूखे हैं, तो यह टूर आपकी भूख नहीं मिटाएगा।

‘Around the World’ – टूरिज़्म जीता, कहानी हारी

राज कपूर की ये फिल्म एक शानदार ट्रैवल डॉक्यूमेंट्री हो सकती थी – अगर उसमें कहानी, निर्देशन और थोड़ी ईमानदारी होती।
पच्‍छी जी शायद कैमरे के पीछे बहुत घूम गए, पर दर्शकों को सिर्फ सीट पर घूमाया।

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