
कभी देश के सबसे पावरफुल बिज़नेस फैमिली का हिस्सा रहे अनिल अंबानी आजकल ट्रेंडिंग नहीं, ट्रबलिंग में हैं। ₹17,000 करोड़ के बैंक फ्रॉड, ED की पूछताछ, CBI की रेड – अब तो ऐसा लग रहा है जैसे हर सरकारी एजेंसी उनके घर का GPS जानती हो।
पंगा किसी बड़े से या भाग्य का फेर?
सवाल ये है – ये सब अचानक कैसे हुआ? क्या किसी बड़े भैया से पंगा ले बैठे थे अनिल जी? या फिर उन्होंने अपने ‘कर्जों की क्रिएटिविटी’ से खुद की राह में कांटे बो दिए?
“भाई-भाई में जब हो जाए राइवलरी, तो बिजनेस बन जाए ट्रेजेडी!”
₹17,000 करोड़: लोन था या लॉलीपॉप?
ED और CBI का दावा है कि अनिल अंबानी की कंपनियों को मिले लोन का ट्रैक न बैंक को पता, न खुद अनिल को। एक लोन चुकाने के लिए दूसरा लोन लिया गया – ऐसा मॉडल तो MBA में पढ़ाया जाना चाहिए।
और हां, लोन लेने से पहले यस बैंक के प्रमोटर्स को मोटी रकम पहुंच गई थी। इससे तो शक होता है कि कहीं ये सब “Yes Sir Bank” तो नहीं था?
साजिश या संयोग? सोशल मीडिया के जासूसों का विश्लेषण
Twitter यूनिवर्स ने पहले ही ऐलान कर दिया है कि “कोई तो बड़ा खेल चल रहा है!”
कुछ तो कह रहे हैं:
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“जब भाई एक ट्रिलियन डॉलर क्लब में हो और दूसरा CBI क्लब में, तो सवाल उठेंगे ही!”
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“Lagta hai Netflix की अगली वेब सीरीज का नाम होगा – The Forgotten Ambani“
अब बिजनेस से ज्यादा सुर्खियों में है ‘Bad Loan Management’
कभी मोबाइल, पावर, इंफ्रास्ट्रक्चर और मीडिया में राज करने वाला नाम अब न्यूज़ हैडलाइन का मेटेरियल बन चुका है। अनिल अंबानी का downfall एक reminder है –
“बड़ा बिजनेस करने के लिए सिर्फ बड़ा सपना नहीं, बड़ी सतर्कता भी चाहिए!”
क्या अगला कदम होगा? – Horoscope या Hearing?
जहां बाकी अरबपति इस उम्र में गोल्फ या इंटरनेशनल टूर में बिजी होते हैं, वहीं अनिल जी अब शायद ED और CBI के ऑफिस में attendance देने में व्यस्त हैं।
कुछ लोग तो कह रहे हैं – “अब पंडित से मिलकर कुंडली ठीक करवानी चाहिए!”
कहते हैं कि “भाई-भाई में नफा-नुकसान common बात है,” लेकिन यहां तो मामला ED और CBI तक पहुंच गया। अब देखना ये है कि अनिल अंबानी इस “कष्ट यात्रा” से बाहर निकल पाते हैं या अगली रेड तक एक और प्रेस कॉन्फ्रेंस करनी पड़ेगी।