सपा ने BJP को आतंकी ठहराया, BJP बोली “साजिश है ये साजिश”

अजमल शाह
अजमल शाह

जहाँ श्रद्धालु भोलेनाथ के जयकारों में मग्न हैं, वहीं कुछ नेताओं के बयान सुनकर लग रहा है जैसे ये यात्रा अब आस्था से ज़्यादा आधार कार्ड वेरिफिकेशन पर टिकी है। यूपी की राजनीति में कांवड़ यात्रा अब “Know Your ढाबावाला” स्कीम बन चुकी है। रेस्टोरेंट वाले अब ‘तंदूरी रोटियाँ’ से ज़्यादा अपने धर्म और जाति के प्रूफ देने में व्यस्त हैं।

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समाजवादी पार्टी के नेता रविदास मेहरोत्रा ने भाजपा को “धार्मिक आतंकवादी” कह दिया। उन्होंने कहा, “बीजेपी और आतंकियों में कोई फर्क नहीं… दोनों पहले धर्म पूछते हैं फिर हमला करते हैं।”
अब इस बयान के बाद टीवी डिबेट्स में TRP की गारंटी हो गई है। उधर भाजपा प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी बोले—“साजिश है ये साजिश! कांवड़ में विघ्न डालने की।”

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अब कांवड़ मार्ग पर तैनात ढाबों और उनके कर्मचारियों को पहचान बतानी होगी। यानी आप समोसे बेचें लेकिन बताएं कि आप ‘कौन’ हैं, ‘क्या’ हैं और ‘किस’ भगवान को मानते हैं। कुछ रिपोर्ट्स की मानें तो अगला स्टेप है—चाय वाले के टी बैग पर धर्म छपा होना।

अब महज आस्था नहीं, चुनावी मुद्दा है

बयानबाज़ी देखकर लग रहा है जैसे भगवान शिव खुद भी सोच रहे होंगे—

“भोलेनाथ को भांग चढ़ाओ या राजनीति?”
सपा कहती है कि ये सब ‘धर्म की राजनीति’ है, तो भाजपा कहती है—‘यह तुष्टिकरण का शुद्ध नमूना है।’

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इस पूरे घटनाक्रम में जनता बस यही सोच रही है:

“हमने तो सोचा था कांवड़ यात्रा में ट्रैफिक से जूझेंगे…
अब ढाबे पर भी KYC चाहिए?”

जहाँ एक तरफ श्रद्धालु पवित्र गंगा जल लाकर भोलेनाथ को अर्पित करना चाहते हैं, वहीं नेता लोग ‘धर्म जल’ में चुनावी रोटी सेंकने में व्यस्त हैं। इस विवाद में धर्म, जाति, समोसे, ढाबे और टीका सब कुछ शामिल हो गया—बस आम आदमी की शांति गायब है।

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