मोदी जी ऑन टूर: इस बार अफ्रीका-लैटिन फ्यूजन!

शालिनी तिवारी
शालिनी तिवारी

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर सूटकेस तैयार कर चुके हैं — और इस बार मंज़िल सिर्फ एक नहीं, पूरे पांच देशों की फेहरिस्त है।
2 जुलाई से शुरू हो रही इस आठ दिवसीय यात्रा में वो घाना, त्रिनिदाद और टोबैगो, अर्जेंटीना, ब्राज़ील और नामीबिया का दौरा करेंगे।

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इस टूर में उनका एजेंडा कूटनीति से लेकर कैमरा डिप्लोमेसी तक सबकुछ कवर करने का है। ब्राज़ील में वह ब्रिक्स सम्मेलन में शिरकत करेंगे, और नामीबिया में भारत-नामीबिया रिश्तों की नींव पर पहली बार हाथ मिलाएंगे।

मोदी सरकार के लिए ये दौरा ग्लोबल साउथ को गले लगाने का एक और मौका है, और जनता के लिए — “अबकी बार, फिर विदेश यार!” का नया एपिसोड।

2 जुलाई से शुरू मिशन: ‘मोदी इज़ ऑन द मूव’

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय दौरे पर निकल रहे हैं।
इस बार वो 2 जुलाई से 5 देशों की यात्रा पर रवाना होंगे — जिनमें शामिल हैं:
घाना
त्रिनिदाद और टोबैगो
अर्जेंटीना
ब्राज़ील
नामीबिया

मोदी जी के लिए ये टूर यात्रा-ए-कूटनीति, और विपक्ष के लिए “ट्रैवल इन्वॉयस” का नया मौका है।

घाना: 30 साल बाद भारत के पीएम की एंट्री

सबसे पहले स्टॉप है घाना, जहां भारत के प्रधानमंत्री 30 साल बाद पहुंच रहे हैं।
माना जा रहा है कि घाना के लोग अब भी सोच रहे होंगे —

“इतने साल में क्या भारत ने हमें गूगल मैप्स पर ढूंढ ही लिया?”

यहां पीएम मोदी राष्ट्रपति अक्कुफो-आड्डो से मुलाकात कर राजनीतिक और आर्थिक संबंधों पर चर्चा करेंगे। साथ ही सेल्फी भी ले सकते हैं – क्योंकि नया भारत कूटनीति भी HD में करता है।

त्रिनिदाद, अर्जेंटीना और ब्राज़ील: डिप्लोमेसी का तड़का

त्रिनिदाद और टोबैगो में प्रवासी भारतीयों के साथ संवाद,
अर्जेंटीना में व्यापारिक सहयोग पर फोकस,
और ब्राज़ील में… ब्रिक्स का बड़ा तमाशा!

ब्राज़ील में मोदी जी ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। ये उनके कार्यकाल में चौथी ब्राज़ील यात्रा है।
कुछ लोग पूछ भी रहे हैं –

“ब्राज़ील का पासपोर्ट स्टैम्प कार्ड फुल हो गया होगा क्या?”

नामीबिया: पहला नमस्ते, पहला हैंडशेक

यात्रा का अंतिम पड़ाव है नामीबिया, जहां पीएम मोदी पहली बार जा रहे हैं। और भारत-नामीबिया की पहली द्विपक्षीय वार्ता होगी — मतलब दोनों नेताओं का पहला “Hi, Hello, Let’s talk” मोमेंट।

नामीबिया के राष्ट्रपति नेटुम्बो नांडी-नदाइटवाह से चर्चा होगी और शायद कुछ ‘चीते’ भी याद आएं — वो ही, जो भारत ने यहीं से मंगवाए थे।

कूटनीति या कमाल का कनैक्शन?

इस दौरे को लेकर विदेश मंत्रालय ने कहा है कि ये “राजनयिक संबंधों को नई ऊर्जा देगा”।
विपक्ष ने कहा — “चलो, एयर इंडिया को बिज़नेस तो मिल रहा है।”

कुल मिलाकर पीएम मोदी का ये दौरा भारत की अंतरराष्ट्रीय सक्रियता और दक्षिण-दक्षिण सहयोग (Global South vibes) को और मजबूती देने की ओर एक कदम है।

2 जुलाई से शुरू हो रही पीएम मोदी की इस बहुपक्षीय यात्रा में न सिर्फ ब्रिक्स जैसे बड़े मंच शामिल हैं, बल्कि छोटे देशों के साथ रिश्तों की बुनियाद भी।
यह टूर मोदी डिप्लोमेसी स्टाइल की एक और झलक है — जहां विदेश यात्रा, कैमरा फ्रेंडली मीटिंग्स और ग्लोबल इमेज बिल्डिंग साथ चलते हैं।

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