बिहार राजनीति: कन्हैया बोले तेजस्वी तय, नीतीश खिस्के ना

गौरव त्रिपाठी
गौरव त्रिपाठी

अब पटना में सियासी चाय ठंडी ना होखत! विधानसभा चुनाव के सुगबुगाहट के साथे पूरा राजनीतिक मंडी में अफरा-तफरी मचल गइल बा। ऐही बीच कांग्रेस के लालटेन बन के चमके वाला नेता कन्हैया कुमार अइसन बयान दे देलेन कि पुरा सिस्टम हिल गइल बा। उहाँ कह देलेन—”सीधा बात, तेजस्वी यादव होइहें मुख्यमंत्री! ना कोई IF, ना BUT!”

महागठबंधन के कप्तान के एलान – तेजस्वी फाइनल बा!

कन्हैया कुमार के माने त महागठबंधन में अब कोई झोल नहीं, सीएम के कुर्सी तेजस्वी यादव के तय बा। ऊ कहले—”जिसका पास विधायक ज़्यादा, उहे बनई मुख्यमंत्री।” अब कांग्रेस सीधा-सीधा RJD के हाथ में कमान दे दिहले बा। बाकी हमनी के दल तो अब बस क्लच-गियर सम्हारी।

बीजेपी के पहिले दोस्ती, फिर धोखाधड़ी वाला फॉर्मूला?

कन्हैया खुलासा कइलेन कि बीजेपी के चाल ढाल एकदम नागिन डांस जइसन बा—पहिले दोस्ती, फिर पीठ में छुरा। महाराष्ट्र, एमपी अउर कर्नाटक में जे का केलस, अब बिहार में भी वैसा ही साजिश के बू आ रहल बा। ऊ साफ कहलेन—नीतीश बाबू के कुर्सी स्थायी ना, बीजेपी मौका देख के फाइनल बाउंसर मारी।

नीतीश कुमार के कुर्सी पर अब बर्फ जमल बा?

अब सवाल उठ रहल बा—का नीतीश जी के राजनीति में बर्फबारी शुरू हो गइल बा? बीजेपी उनकर सहयोगी ना, बलुक जासूस बनके धीरे-धीरे पत्ता काटे के फिराक में बा। कन्हैया त इशारा दे दिहलन—”जैसे ही सही समय आई, बीजेपी अपना एजेंडा लागू करी, नीतीश के हटा दी।”

 शाहजी के ‘आपदा में अवसर’ वाला लुंगी डांस

कन्हैया अमित शाह के भी माफ़ ना कइलेन। कहलेन—”ई आदमी हर मुसीबत में मौका खोजेला।” मतलब साफ, जहाँ दंगा-गड़बड़, वहाँ अमित शाह तैयार बा पॉलिटिकल कबड्डी खेले। महाराष्ट्र जइसन ड्रामा बिहार में ना चले, इहे जनता के डर बा।

अफसरशाही के राज: जनता के आवाज़ म्यूट बा!

बिहार में लोकतंत्र से ज़्यादा अफसरशाही हावी बा, एही आरोप कन्हैया लगवले। ऊ कहलेन—”अफसर लोग ऐसन हनकाइल बा कि जनता के आवाज़ दबा के म्यूट कर देहल गइल बा। चुनाव से पहिले आम आदमी सिर्फ़ पोस्टर देख रहल बा, सुन कउनो ना रहल बा।”

महागठबंधन के कार: तेजस्वी ड्राइवर, कांग्रेस क्लच!

अब राजनीति के तुलना कार से हो रहल बा! कन्हैया कहलेन—”गठबंधन में सबके रोल बा, क्लच, ब्रेक, मिरर… बाकिर ड्राइवर तेजस्वी यादव होइहें!” कांग्रेस क्लच पकड़ले बा, बाकी गाड़ी के स्टेयरिंग अब RJD के हाथ में बा। जोत से चलल जाई, ओवरटेक भी होई, बस गड्ढा से बचाव करी!

इतिहास के नया पन्ना – नीतीश अध्याय समाप्त?

अब जब कन्हैया कुमार अइसन चिंगारी छोड़ेले, त बिहार के राजनीति एक नया मोड़ पर पहुँच गइल बा। जनता पुछे लागल बा:

का नीतीश जी के राजनीतिक किताब अब बंद होखे वाला बा?

तेजस्वी के ताजपोशी अब तय बा का?

बीजेपी फिर से ‘गुपचुप सत्ता परिवर्तन’ के स्क्रिप्ट ना दोहरा रहल बा?

जवाब त चुनाव के बाद मिली, बाकिर आग त लग ही गइल बा। अब देखल जाव, केतना बाल्टी पानी में ई आग बुझे वाला बा।

भोजपुरी में कहें त: अबकी चुनाव में ना देखी ‘के बोले’, देखी ‘के बोलेला’!

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