
उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के महसी तहसील अंतर्गत सिकंदरपुर, बालासराय और साधुवापुर जैसे गांवों में रविवार की सुबह अचानक हलचल मच गई। ग्रामीणों ने देखा कि उनके खेतों में बिना किसी सूचना के झंडियां लगाई गई थीं और लोहे के तार बिछे थे। मामला तब और गंभीर हो गया जब पता चला कि एक निजी कंपनी के लोग वहां तेल खोजने के नाम पर विस्फोटक बिछाने की तैयारी कर रहे हैं।
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ग्रामीणों ने रोका काम, विधायक को दी जानकारी
घटना की गंभीरता को देखते हुए ग्रामीणों ने तत्काल भाजपा विधायक सुरेश्वर सिंह को सूचित किया। विधायक मौके पर पहुंचे और कंपनी के कर्मचारियों से पूछा कि क्या जिला प्रशासन से इस काम की अनुमति ली गई है। कर्मचारियों ने जवाब दिया कि “कल बता देंगे”, जिससे विधायक भड़क उठे और पूरी कार्रवाई को साजिश करार दिया।
“CM योगी के दौरे से दो दिन पहले इतने भारी विस्फोटक की मौजूदगी संयोग नहीं हो सकती।”
— सुरेश्वर सिंह, विधायक महसी
मौके से मिले 500 किलो विस्फोटक, पुलिस प्रशासन सक्रिय
मामले की जानकारी मिलते ही हरदी थाने की पुलिस और अपर जिलाधिकारी गौरव रंजन मौके पर पहुंचे। खेतों में मौजूद गाड़ियों की तलाशी ली गई, जिसमें से लगभग 500 किलो अमोनियम नाइट्रेट बरामद हुआ। यह वही विस्फोटक पदार्थ है जिसे आमतौर पर माइंस और सर्वे कार्यों में प्रयोग किया जाता है, लेकिन इतनी मात्रा में बिना प्रशासन की अनुमति के होना किसी बड़ी चूक या साजिश का संकेत देता है।
विधायक ने गृह सचिव से की बात, CM दौरे पर उठाया सवाल
विधायक सुरेश्वर सिंह ने इस घटना की जानकारी उत्तर प्रदेश सरकार के गृह सचिव संजय प्रसाद को दी और मांग की कि जब तक पूरे मामले की जांच पूरी नहीं हो जाती, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का प्रस्तावित बहराइच दौरा रद्द कर दिया जाए। उन्होंने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मसला बताते हुए केंद्र से भी हस्तक्षेप की मांग की है।
“अगर ये बारूद मंच के पास फटता, तो क्या हम दुनिया में मुंह दिखा पाते?”
— सुरेश्वर सिंह
कंपनी का जवाब – ‘देशहित में काम हो रहा था’
जब इस पर अल्फा इंडिया लिमिटेड के इंजीनियर कुलदीप शर्मा से सवाल पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि उनकी कंपनी को भारत सरकार की तरफ से तेल और प्राकृतिक गैस की खोज के लिए अधिकृत किया गया है। फरवरी में उन्होंने जिला प्रशासन को सूचित किया था, लेकिन रविवार को छुट्टी के कारण अधिकारियों को सूचित नहीं किया जा सका।
“हमारे पास जो अमोनियम नाइट्रेट है, वो सर्वे के लिए है। इसमें कोई खतरे की बात नहीं है।”
— कुलदीप शर्मा, अभियंता, अल्फा इंडिया लिमिटेड
संयोग या साजिश?
अब सवाल ये है कि –
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अगर यह देशहित का काम था, तो ग्रामीणों और स्थानीय प्रशासन को सूचना क्यों नहीं दी गई?
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क्या वाकई यह केवल प्रक्रियागत चूक थी या किसी बड़ी साजिश का ट्रेलर?
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अगर CM का दौरा नजदीक था और बारूद की इतनी मात्रा बिना इजाजत पहुंच गई, तो सुरक्षा में ऐसी चूक कैसे हो गई?
बहराइच की यह घटना एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर करती है कि कंपनियों की लापरवाही, प्रशासन की निष्क्रियता, और सुरक्षा की अनदेखी किस तरह आम जन और शासन को संकट में डाल सकती है। तेल मिले या न मिले, अब ज़रूरत सच्चाई और साजिश की तह तक खुदाई करने की है।
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