
उत्तर प्रदेश के कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक (DGP) प्रशांत कुमार का कार्यकाल 31 मई 2025 को समाप्त हो रहा है। इस तारीख के नज़दीक आते ही राज्य के सबसे बड़े पुलिस पद पर अगले चेहरे को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं। लेकिन हाल ही में पुलिस विभाग द्वारा जारी एक पत्र ने माहौल को पूरी तरह से बदल दिया है।
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पत्र में प्रशांत कुमार का नाम नदारद, बढ़ी अटकलें
अपर पुलिस महानिदेशक एन. रविन्दर के हस्ताक्षर से जारी एक आधिकारिक पत्र में 31 मई को सेवानिवृत्त हो रहे वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के लिए आयोजित विदाई समारोह की जानकारी दी गई है। लेकिन हैरानी की बात यह है कि इसमें प्रशांत कुमार का नाम शामिल नहीं है।
क्या यह संकेत है कि उन्हें सेवा विस्तार दिया जा सकता है?
पुलिस विभाग के गलियारों में यह चर्चा जोरों पर है कि प्रशांत कुमार को मौजूदा राजनीतिक परिस्थितियों को देखते हुए कार्यवाहक से स्थायी डीजीपी बनाया जा सकता है या कम से कम सेवा विस्तार दिया जा सकता है।
पत्र में किन अधिकारियों का जिक्र?
इस पत्र में जिन अधिकारियों के सेवानिवृत्ति और विदाई समारोह का उल्लेख किया गया है, वे हैं:
पीवी रामाशास्त्री – डीजी, कारागार प्रशासन
डॉ. संजय एम. तरडे – डीजी, दूरसंचार
करन यादव – डीआईजी, महिला एवं बाल सुरक्षा
डॉ. अरविन्द चतुर्वेदी – डीआईजी, सतर्कता अधिष्ठान
तेज स्वरूप सिंह – डीआईजी, कार्मिक मुख्यालय
लेकिन सूची में प्रशांत कुमार का नाम न होना, अपने आप में बड़ा संकेत माना जा रहा है।
प्रशांत कुमार का करियर ग्राफ
1990 बैच के आईपीएस अधिकारी। 2005: डीआईजी। 2010: आईजी। 2014: एडीजी। 2024: डीजी (कार्यवाहक)
उनकी प्रोफाइल और पिछले वर्षों में उठाए गए निर्णायक कदमों को देखते हुए, यह मानना गलत नहीं होगा कि सरकार अनुभव और स्थिरता को प्राथमिकता देते हुए उन्हें सेवा विस्तार दे सकती है।
अब आगे क्या?
यदि प्रशांत कुमार को सेवा विस्तार दिया जाता है, तो यह पहला मौका होगा जब किसी कार्यवाहक डीजीपी को यह लाभ मिलेगा। अन्यथा, उनके स्थान पर वरिष्ठ आईपीएस अफसरों की लंबी सूची में से किसी एक को नया डीजीपी बनाया जा सकता है।
यह देखना दिलचस्प होगा कि उत्तर प्रदेश सरकार इस अहम पद को लेकर क्या निर्णय लेती है। क्या प्रशांत कुमार को फिर से यूपी पुलिस की कमान मिलेगी या कोई नया चेहरा सामने आएगा?
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