
बिहार विधानसभा चुनाव में सीमांचल की राजनीति इस बार ऐसी बदली कि “जहां MGB का गढ़ था, वहां NDA ने ध्वज फहरा दिया।”
24 सीटों में से 18 पर NDA की बढ़त—यह नतीजा विश्लेषकों को भी Shock Mode में ले गया है। सीमांचल—जहां मुस्लिम मतदाता निर्णायक भूमिका निभाते हैं— पहली बार इतने बड़े स्तर पर रुझान ने दिशा बदल ली।
पिछली बार कड़ी टक्कर… इस बार NDA का Clean Sweep
पिछले चुनाव में सीमांचल में RJD-Congress बनाम NDA में जोरदार मुकाबला था। लेकिन इस बार लगभग एकतरफा NDA की लहर दिखी। महागठबंधन का सीट बंटवारा इस प्रकार था:
- कांग्रेस: 12 सीटें
- RJD: 9 सीटें
- VIP: 2 सीटें
- CPI-ML: 1 सीट
लेकिन प्रदर्शन?
“Expectation High… Execution Low!”
कांग्रेस का संगठन यहाँ वैसे ही ढीला निकला जैसे पुराना WiFi राउटर।
“नीतीश को मजबूत रखना है” — मुस्लिम समाज की नई Thinking
“नीतीश कमजोर पड़े तो बिहार UP जैसे हालात देख सकता है।” माहौल में बुलडोजर की चर्चाएँ भी थीं, और इस डर ने वोटर्स को
NDA की ओर झुका दिया—सीधे JDU की झोली में। “मुस्लिम वोट NDA को भी गया है और इससे JDU का साइलेंट ग्रोथ हुआ है।”
Pasmanda मुसलमान—JDU का पुराना लेकिन मजबूत सपोर्ट बेस
“Pasmanda मुसलमानों का वोट पहले भी JDU को मिलता था।” ये वो वर्ग है जो हमेशा विकास, रोज़गार और स्थिरता को प्राथमिकता देता है—
और नीतीश ने इस समुदाय में Consistent Connect बनाया है।
JDU पहले भी अली अनवर जैसे पसमांदा नेताओं को राज्यसभा भेज चुकी है। जमीनी योजनाएँ इस वर्ग पर केंद्रित रखी हैं। इस बार भी इनका वोट JDU की तरफ बढ़ा।
सुशासन और Stability—नीतीश का X-Factor
सीमांचल में नीतीश की सुशासन वाली छवि अभी भी चमकदार है।
- सड़क
- बिजली
- कानून व्यवस्था
- स्थिर सरकार
इन चारों मुद्दों पर नीतीश लगातार डिलीवर करते रहे हैं। मुस्लिम वोटरों को लगा कि “MGB आए तो सरकार अस्थिर हो सकती है, NDA स्ट्रॉन्ग रहेगा तो सिस्टम चलेगा।”
यही धारणा NDA को निर्णायक बढ़त में बदल गई।

महागठबंधन की Strategy—Seemanchal में पूरी तरह फ्लॉप
कांग्रेस को 12 सीटें देना—Perfect Miscalculation
कांग्रेस यहां कमजोर संगठन के साथ लड़ी, और नतीजा वही निकला—एकदम फीका प्रदर्शन।
RJD का बेस भी Slip हुआ
9 सीटों पर RJD लड़ी, लेकिन अपेक्षित वोट ट्रांसफर नहीं मिला।
VIP और CPI-ML का प्रभाव सीमित
इन दलों का असर यहां आभासी रहा— जैसे मोबाइल में कम नेटवर्क।
महागठबंधन की रणनीति में Coordination नहीं था, और बिना Coordination वाली राजनीति ऐसे ही उल्टी पड़ती है।
MGB का गढ़ टूटा, NDA ने भरोसा जीता
सीमांचल में मुस्लिम वोट का NDA की ओर झुकाव नीतीश के प्रति भरोसा + अस्थिरता का डर + पसमांदा कनेक्शन
तीनों का कॉम्बिनेशन है।
यह नतीजा बताता है कि Ground Strategy > नैरेटिव और Delivery > Promise।
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