
चुनाव आयोग की आज की प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूरे देश में SIR (Special Intensive Revision) लागू होने की चर्चा है, और जैसे ही ये खबर उड़ी, जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सामने आकर ‘Homework Reminder’ दे डाला।
उमर अब्दुल्ला बोले — “बिहार में अभी रिज़ल्ट ही नहीं आया है। पहले देख लो वहां SIR ने क्या कमाल किया, फिर पूरे देश में लागू करने का सोचो।
BJP SIR को लेकर उत्साहित, विपक्ष बोले – ‘Testing तो पहले Bihar में कर लो भाई!’
जहां बीजेपी SIR को “वोटर लिस्ट क्लीनअप मिशन” बताकर पूरे देश में लागू करने की मांग कर रही है, वहीं विपक्ष को शक है कि ‘सफाई’ कहीं selective ना हो जाए!
उमर अब्दुल्ला ने भी कहा कि SIR से फायदा होगा या नुकसान, ये बिहार चुनाव के बाद ही साफ़ होगा।
“राजनीतिक दबाव में फैसले लेना चुनाव आयोग को शोभा नहीं देता। पहले असर देखो, फिर असरदार बनो।”
— उमर अब्दुल्ला
J&K विधानसभा में उमर का ‘Fire Mode’ ऑन!
श्रीनगर विधानसभा सत्र में बोलते हुए अब्दुल्ला ने एक के बाद एक तंज कसे — पहले SIR, फिर राजनीतिक मैच-फिक्सिंग, फिर PSA के misuse तक बात पहुंच गई।
“जो आदमी खुद वोट डालने नहीं गया, वो चुनाव पर लेक्चर दे रहा है — ये तो ऐसा हुआ जैसे क्रिकेट देखे बिना कमेंट्री कर देना।”
— उमर अब्दुल्ला, सज्जाद लोन पर तंज
“DC को गाली देना अपराध नहीं, PSA लायक तो बिलकुल नहीं!”
AAP MLA मेहराज मलिक को PSA के तहत हिरासत में लिए जाने पर उमर अब्दुल्ला ने कहा — “अगर किसी ने किसी अधिकारी को गाली दी है तो यह डिसिप्लिन इश्यू है, आतंकवाद नहीं। PSA का इस्तेमाल गालियों के लिए नहीं, गुनाहों के लिए होना चाहिए।”
उन्होंने स्पीकर से अपील की कि एक डिसिप्लिनरी कमेटी बनाई जाए, ताकि राजनीतिक “ओवर-एक्शन” बंद हो।
बडगाम उपचुनाव: अब्दुल्ला बोले – ‘हम चुनौती स्वीकार करते हैं’
बडगाम उपचुनाव को लेकर उमर अब्दुल्ला बोले — “हम चुनौती से भागते नहीं हैं। बिजली, पानी, सड़क, रोज़गार — यही असली मुद्दे हैं, और जनता इन्हीं पर वोट देगी।”
राज्य में चल रही “अंदरूनी राजनीति” और वोटों के बंटवारे पर भी उन्होंने चिंता जताई, लेकिन विश्वास जताया कि “लोग मुद्दों पर वोट देंगे, मूड पर नहीं।”

डिलिमिटेशन और धर्म की राजनीति पर तीखा हमला
पूर्व डिलिमिटेशन प्रक्रिया पर हमला करते हुए अब्दुल्ला बोले — “पहले सीमांकन किसी एक पार्टी के लिए tailor-made किया गया था। अब वो गलती नहीं दोहरानी चाहिए।”
BJP पर उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी ‘धर्म आधारित राजनीति’ कर रही है और संसद में मुस्लिम प्रतिनिधित्व को खत्म कर दिया गया है।
“देश की 15% आबादी मुस्लिम है, लेकिन संसद में BJP का एक भी मुस्लिम सांसद नहीं। ये diversity है या invisibility?”
— उमर अब्दुल्ला
“स्टेटहुड की उम्मीद अब स्लो-मोशन में” — उमर की मायूसी झलकी
राज्य का दर्जा वापस मिलने की देरी पर उन्होंने कहा — “पहले दिन से उम्मीद थी कि स्टेटहुड जल्दी मिलेगा, लेकिन अब उम्मीदें भी टाइमर पर चल रही हैं। हर दिन थोड़ा और कम।”
‘SIR से पहले Review Report जरूरी!’
उमर अब्दुल्ला का बयान सिर्फ बयान नहीं, ‘Reality Check with Sarcasm’ था। जहां सरकार SIR को “Transparency Tool” बता रही है, वहीं उमर कह रहे हैं — “Transparency पहले बिहार में टेस्ट करो, वरना देश में फिर से डिलीट-रीलोड का खेल शुरू न हो जाए!”
“SIR तो चलेगा, पर बिहार रिज़ल्ट आने दो!”
देशभर में SIR की तैयारी है, लेकिन जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री की राय साफ है — पहले बिहार का असर देखो, फिर लोकतंत्र की बाकी कॉपी में लागू करो।
“फिलहाल SIR पर सबकी नजर, और उमर ने दे दी अपनी नसीहत — Hurry में Democracy नहीं चलती!”
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