
भाई रईस अहमद हर सुबह 5 बजे उठते हैं। तेल गरम, अंडा फेंट, पराठा बेल — उनकी मेहनत का तापमान हमेशा हाई रहता है, लेकिन बैंक बैलेंस लो। हर दिन की कमाई उतनी ही, जितनी से पेट चले — सपने नहीं।
फकीर मोहम्मद की किस्मत: एक झटका, करोड़पति!
दूसरी ओर, फकीर मोहम्मद साहब का जीवन शुरू तो ‘फकीराना’ था, पर किस्मत ने ऐसा पलटी मारी कि लॉटरी लगी या जमीन बिक गई — अब वो हैं करोड़पति।
बिना MBA, बिना hustle, फकीरी से Ferrari तक पहुँच गए।
नाम में क्या रखा है? मेहनत भी शायद आउट ऑफ स्टॉक है!
अब देखिए, नाम रईस है लेकिन काम सड़क किनारे ठेले का, नाम फकीर है, लेकिन लाइफस्टाइल 5-स्टार का। इसी को कहते हैं, “भगवान जब देता है, छप्पर फाड़ के देता है… और मेहनत करने वालों को छत भी नहीं देता!”
मेहनत बनाम किस्मत: कौन जीतेगा?
सवाल बड़ा सिंपल है — “सक्सेस = हार्डवर्क + लक” लेकिन असल जिंदगी में ये फॉर्मूला अक्सर ऐसा लगता है “सक्सेस = सिर्फ लक, हार्डवर्क तो सिर्फ टाइम पास!”

“मेहनत तो बंदर भी करता है, लेकिन सर्कस वाला पैसे कमाता है।”
तो जनाब, चाहे आप रईस हों या फकीर सपने देखिए जरूर — लेकिन एक “भाग्य भरोसा एप्लिकेशन” भी इंस्टॉल कर लीजिए। क्या पता कल सुबह आपकी किस्मत भी रोटी सेंकते-सेंकते सपनों का रायता फैला दे!
मेहनत करते रहिए, पर किस्मत को ब्लॉक मत कीजिए। ठेले पर लगे रहिए, लेकिन कभी-कभी लॉटरी का टिकट भी खरीद लीजिए। और हां… कभी-कभी व्यंग्य भी पढ़ लिया कीजिए, सीरियस लाइफ में हंसी भी ज़रूरी है।
