
दिल्ली की राजनीति में मंगलवार को फिर गर्मी आ गई, जब ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने आप नेता सौरभ भारद्वाज से जुड़े ठिकानों पर छापेमारी की।
बीजेपी ने इसे “मेडिकल स्कैम से जुड़ी कार्रवाई” बताया, लेकिन AAP इसे “राजनीतिक प्रतिशोध का ओवरडोज़” मान रही है।
केजरीवाल का वार: “एजेंसियां अब बीजेपी की ब्रांच लगने लगी हैं!”
अरविंद केजरीवाल, जो अब दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री हैं, ने X (पूर्व में ट्विटर) पर सीधा हमला बोला:
“सौरभ भारद्वाज के घर ईडी की रेड मोदी सरकार द्वारा एजेंसीज के दुरुपयोग का एक और मामला है।”
उन्होंने यह भी जोड़ा:
“इतिहास में किसी भी पार्टी को इस तरह टारगेट नहीं किया गया, जैसे ‘आप’ को किया जा रहा है।”
(मतलब अगर एजेंसी कोई “लोकतंत्र की वेब सीरीज़” बना रही होती, तो AAP लीड रोल में होती।)
मेडिकल स्कैम या पॉलिटिकल प्रिस्क्रिप्शन?
बीजेपी कह रही है कि ये छापे दिल्ली में मेडिकल स्कीम से जुड़ी अनियमितताओं की जांच का हिस्सा हैं। लेकिन AAP का तर्क है कि जब केस की अवधि में सौरभ भारद्वाज मंत्री ही नहीं थे, तो मामला सिर्फ “कागज़ी ड्रामा” है।
“मोदी सरकार AAP की लोकप्रियता से घबराई हुई है, इसलिए हर बार रेड से जवाब देती है,” — AAP प्रवक्ता
“आप डरने वाली नहीं” — केजरीवाल की हुंकार
केजरीवाल ने दावा किया कि ‘आप’ पार्टी सरकार की ग़लत नीतियों और भ्रष्ट कार्यों के खिलाफ सबसे मुखर आवाज़ है, इसलिए बीजेपी एजेंसियों के ज़रिए उन्हें डराने की कोशिश कर रही है।
“हम डरने वाले नहीं हैं। जनता के हक़ के लिए आवाज़ उठाते रहेंगे — चाहे ईडी आए या सीबीआई।”
(फुल-on Bollywood डायलॉग मोड में!)
राजनीति अब Netflix से भी ज़्यादा एपिसोडिक हो गई है
हर बार AAP नेता के घर रेड, फिर तुरंत सोशल मीडिया रिएक्शन, फिर जनता में बहस — जैसे कोई रियलिटी शो चल रहा हो। और इस बार शो का नाम हो सकता है:
“E.D.: Ek Dhamakedaar Episode!”
रेड की राजनीति और विपक्ष की रणनीति
कहानी अब सिर्फ स्कैम और छापे तक सीमित नहीं रही — यह लोकतंत्र में एजेंसीज की भूमिका, विपक्ष की आवाज़, और चुनावी समीकरण का हिस्सा बन चुकी है।
“Diplomat या Director?” — ईरान पर हमलों की स्क्रिप्टिंग का आरोप!

