जब ‘राधे राधे’ की जगह बजा “नौ लखा”: बदलापुर पुलिस का फुल डीजे अवतार

साक्षी चतुर्वेदी
साक्षी चतुर्वेदी

उत्तर प्रदेश में एक तरफ डीजीपी साफ निर्देश दे रहे थे कि श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर कोई अश्लीलता नहीं होनी चाहिए, वहीं दूसरी तरफ बदलापुर कोतवाली में पूरी तैयारी थी… लेकिन धार्मिक आयोजन की नहीं, रील बनाने की।

बदलापुर थाने के आंगन में जैसे ही डीजे ने बेस उठाया—”मुझे नौ लखा दिला दे रे…”—मंच पर मौजूद ‘प्रदर्शनकर्ता’ शुरू हो गए थिरकना। गाने थे ऐसे कि राधे-राधे तक शर्मा जाएं और कान्हा भी कहें, “बस कर पगली, रुलाएगी क्या?”

वायरल वीडियो और उड़ते हुए तबादले

वीडियो सोशल मीडिया पर जंगल में आग की तरह फैला। कमेंट सेक्शन में जनता की दो टूक: “कानून का रखवाला बने डांस फ्लोर का खिलाड़ी!”

पुलिस अधीक्षक ने बिना देर किए बदलापुर के प्रभारी निरीक्षक को सस्पेंड कर दिया। मामला अब अपर पुलिस अधीक्षक नगर के अधीन जांच में है। आधिकारिक बयान आया—“आदेश का उल्लंघन किया गया, आगे कार्रवाई जारी है।”

तबादला एक्सप्रेस: किसी की चूक, किसी की चढ़ाई

इस डांस कांड के बाद जौनपुर पुलिस महकमे में तबादलों की लहर दौड़ गई। SP डॉ. कौस्तुभ कुमार ने दर्जनों थानाध्यक्षों और निरीक्षकों की कुर्सी हिला दी। जैसे ही तबादले की लिस्ट आई, कुछ बोले—”जय हो”, तो कुछ बोले—”अब DJ भी सपना बन गया!”

बदलापुर की बागडोर अब शेष कुमार शुक्ला के हाथ में है, जिनसे जनता को उम्मीद है कि अगली जन्माष्टमी में ‘भक्ति रस’ ही बहेगा, ‘मास डांस’ नहीं।

पुलिसिया संस्कृति या कल्चरल फेस्ट?

अब सवाल ये उठता है—क्या ये आयोजन धार्मिक श्रद्धा थी या थाने की थकान मिटाने का तरीका?
कई लोगों का कहना है कि ऐसी घटनाएं पुलिस की छवि पर दाग छोड़ती हैं, जबकि कुछ ने कहा, “भाई जी, इतने केस निपटाने के बाद थोड़ा एंटरटेनमेंट तो बनता है!”

पर एक लाइन सब पर भारी रही:
“जहां DM-SP मटकी फोड़ने की तैयारी कर रहे थे, वहां बदलापुर में DJ पर कान्हा के भेष में इंस्पेक्टर झूम रहे थे!”

गाने बदल सकते हैं, गरिमा नहीं!

कानून व्यवस्था बनाए रखने वाले खुद अगर कानून तोड़ें, तो जनता कहां जाए? त्योहारों का उल्लास जरूरी है, पर संवेदनशीलता और आदेशों की गरिमा भी ज़रूरी है।

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