
भारतीय संसद इस समय किसी बॉलीवुड थ्रिलर से कम नहीं लग रही। SIR (Special Investigation Report) पर चर्चा की मांग को लेकर दोनों सदनों में जबरदस्त हंगामा मचा है। विपक्ष का आरोप है कि राज्यसभा में CISF के जवानों की तैनाती कर दी गई, जबकि सत्ता पक्ष इसे “मार्शल्स की रूटीन ड्यूटी” बता रहा है।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस पर नाराज़गी जताते हुए कहा, “ये लोकतंत्र की गरिमा को ठेस है।” अब सवाल उठता है — CISF की तैनाती सुरक्षा है या डराने की रणनीति?
Renuka का रॉकेट डायलॉग: “सिर कटेगा लेकिन झुकेगा नहीं!”
रेणुका चौधरी का वायरल वीडियो इस संसद सस्पेंस में मसाला डाल रहा है। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा:
“हमें लगता है कि CISF बुलाकर हमें डराया जाएगा। हम सिर कटवा लेंगे, लेकिन झुकेंगे नहीं!”
बस फिर क्या था, सोशल मीडिया पर #RenukaChoudhary ट्रेंड करने लगा। किसी ने कहा, “ये डायलॉग तो Sunny Deol भी शर्मिंदा हो जाए!” तो किसी ने तंज कसा — “खुद ही फिल्मी डायलॉग बोल रही हैं और कहती हैं सरकार का सिनेमा देखकर दिमाग खराब हो गया है!”
सत्ता पक्ष बनाम सिनेमा प्रेम
जब रेणुका ने कहा, “इनका दिमाग सिनेमा देखकर खराब हो गया है,” तो विपक्ष के आरोपों में थोड़ी मिर्ची लग गई। सत्ता पक्ष ने साफ कहा, “जो जवान देखे गए, वो CISF नहीं बल्कि मार्शल्स हैं, जो हमेशा तैनात रहते हैं।”
CISF बनाम आतंकवाद: किसे डर?
रेणुका ने सवाल दागा —
“क्या हम आतंकवादी हैं जो CISF बुलानी पड़ी? ऑपरेशन सिंदूर वालों को पकड़ने में हफ्तों लग जाते हैं, लेकिन संसद में हम पर फ़ोकस?”
इस बयान से विपक्ष के निशाने पर केंद्र सरकार आ गई है। साथ ही, ये भी पूछा जा रहा है — क्या संसद अब VVIP थ्रिलर शूटिंग का लोकेशन बन चुकी है?
खड़गे बोले: “लोकतंत्र के वेल में जवान?”
राज्यसभा में नेता विपक्ष खड़गे बोले:
“हमने देखा कि वेल में जवान बुलाए गए जब सदस्य लोकतांत्रिक अधिकार का उपयोग कर रहे थे। ये बेहद आपत्तिजनक है।”
उन्होंने चेतावनी दी कि भविष्य में ऐसा ना हो। वरना, डेमोक्रेसी की स्क्रिप्ट ही बदल जाएगी!
संसद में सीन जारी है!
ये पूरा मामला अब सिर्फ एक “SIR रिपोर्ट” तक सीमित नहीं रहा। ये सवाल बन गया है कि संसद में असहमति का स्वर कितना सुरक्षित है? और क्या अब सांसदों को भी “सिक्योरिटी थ्रेट” मानकर ट्रीट किया जा रहा है?
एक बात तय है — सिर कटे या न कटे, पब्लिक को हाई वोल्टेज ड्रामा ज़रूर चाहिए!