Conversion: मछली फंसती थी Insta पर, निकाह होता था राजस्थान में!

अजमल शाह
अजमल शाह

आगरा में धर्मांतरण केस ने सनसनी मचा दी है, जहाँ आरोपी सोशल मीडिया के जरिए लड़कियों को फँसाकर उन्हें इस्लाम अपनाने को मजबूर करते थे।
NIA, ATS और लोकल पुलिस की पूछताछ में सामने आया है कि आरोपियों का ‘Connecting Revert’ नामक एक गुप्त ग्रुप था, जहाँ धर्मांतरण की पूरी योजना बनाई जाती थी।

शिकार की पहचान: प्रोफाइल देखकर ‘फॉलो’ से ‘फेथ’ तक

आरोपियों ने बताया कि वे टारगेट लड़कियों की सोशल मीडिया प्रोफाइल पर महीनों नजर रखते थे — 6 महीने से 1 साल तक। जैसे ही प्रतिक्रिया इस्लामिक पोस्टों पर सकारात्मक दिखती, “मछली जाल में है” — यह संकेत मिल जाता था।

माइंड गेम: ब्रेनवॉश स्टेप बाय स्टेप

लड़कियों से बातचीत धीरे-धीरे भावनात्मक जुड़ाव की ओर बढ़ाई जाती। जब कोई लड़की अपनी समस्याएं शेयर करती, तो आरोपी कहते —

“अल्लाह सब ठीक करेगा, तुम्हारी मदद करेगा।”

यही से शुरू होता था धार्मिक विश्वास का मानसिक बीजारोपण, जिसे आरोपी “सच्चा रास्ता दिखाना” बताते थे।

अगला पड़ाव: दिल्ली या कोलकाता बुलावा

जब लड़की पूरी तरह भरोसे में आ जाती, तो उसे दिल्ली या कोलकाता बुलाया जाता। वहीं पर निकाह की तैयारी होती, और लड़की का संपर्क दुनिया से काट दिया जाता।

निकाह का सेटअप: राजस्थान से बुलाया जाता था काज़ी

गैंग का सरगना अब्दुल रहमान था, जो मुस्तफाबाद में रहता था। यहीं से लड़कियों को बुलाकर धर्मांतरण कराता और फिर निकाह करवाता।
निकाह के लिए राजस्थान से काज़ी बुलवाया जाता था। अब राजस्थान पुलिस भी इस मामले में सक्रिय हो चुकी है।

 जांच एजेंसियों की बड़ी कार्रवाई

NIA अब इस मामले में विदेशी फंडिंग और आतंकी लिंक तलाश रही है। सूत्रों के मुताबिक, धर्मांतरण नेटवर्क को आतंकी संगठनों से फंडिंग भी मिल रही थी। अब्दुल रहमान सहित अन्य आरोपियों से गहन पूछताछ जारी है।

धर्म नहीं, एजेंडा था

यह पूरा केस धर्मांतरण से कहीं ज्यादा एक सुनियोजित ऑपरेशन जैसा लगता है। सोशल मीडिया, ब्रेनवॉश, इमोशनल ट्रैपिंग और धार्मिक रूपांतरण — ये सभी संकेत देते हैं कि लड़कियों को सिर्फ “धर्म बदलवाने” के लिए नहीं, बल्कि एक बड़े प्रोपेगैंडा का हिस्सा बनाने की कोशिश हो रही थी।

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